Tuesday, November 4, 2014

प्रेम में - उमाशंकर चौधरी

प्रेम में पड़कर भागी हुई लड़की
अब लौट आई हैं अपने उसी प्रेमी के साथ
जिससे उसने अब विवाह कर लिया हैं
प्रेम में पड़कर भागी हुई लड़की के चेहरे पर हैं
ढेर सारी लाली
उसके हाथों में हैं
चूड़ियों का गुच्छा
और आँखों में हैं अपने प्रेम पर पूरा भरोसा
वह लौट आई हुई लड़की बहुत संतुष्ट हैं
नहीं समझती हैं आँखे चुराने का कोई कारण
न ही देती हे किसी को कुछ कहने-सुनने का मौका
नहीं मानने देती हैं
अपने इस भागने के फैसले को किसी तरह गलत
उस लौट आई हुई लड़की के माँ-पिता
अभी आँखे चुरा रहे हैं
वह लड़की भरे बाजार में
सौदा-सुलफ खरीद रही हैं।

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