Monday, November 17, 2014

untitled - याह्या हसन

तुम्हे सूअर का मांस नहीं चाहिए
अल्लाह जरूर तुम्हारी खाने की
आदतों के लिए तुम्हारी तारीफ़ करेगा
तुम जुमे की नमाज़ पढ़कर अगले जुमे तक उसे भूल जाते हो
तुम रमज़ान मनाकर अगले रमजान के आने का इंतज़ार करते हो
और जुमे की नमाज़ों तथा रमज़ान के बीच
तुम जेब में छुरा रखकर घूमते हो
तुम लोगों के पास जाकर उनसे पूछते हो
कि क्या वे किसी परेशानी का सामना कर रहे हैं
जबकि असलियत यह हैं की तुम खुद
उनकी सबसे बड़ी परेशानी हो!!!!!

language - dainish 

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